तुम रूठी रहो - Tum Roothi Raho Lyrics in Hindi [Lata Mangeshkar, Mukesh, Aas Ka Panchhi]

Lyrics in Hindi
तुम रूठी रहो - Tum Roothi Raho [Lata Mangeshkar, Mukesh, Aas Ka Panchhi]
Movie/Album : आस का पंछी (1961)
Performed By : लता मंगेशकर, मुकेश

तुम रूठी रहो
मैं मनाता रहूँ
के इन अदाओं पे
और प्यार आता है

थोड़े शिकवे भी हों
कुछ शिकायत भी हों
तो मज़ा जीने का
और भी आता है

हाय दिल को चुराकर ले गया
मुँह छुपा लेना हम से वो आपका
देखना वो बिगड़ कर फिर हमें
और दाँतों में ऊँगली का दाबना
ओ मुझे तेरी कसम
ये ही समां मार गया
इसी जलवे पे तेरे
दोनों जहां हार गया
तुम रूठी रहो...

ये न समझो कि तुमसे दूर हूँ
तेरे जीवन की प्यार भरी आस हूँ
चाँद के संग जैसे है चाँदनी
वैसे मैं भी तेरे दिल के पास हूँ
हाय वो दिल ही नहीं
जो न धड़कना जाने
और दिलदार नहीं
जो न तड़पना जाने
थोड़े शिकवे भी हों...

चाहे कोई डगर हो प्यार की
ख़तम होगी ना तेरी-मेरी दास्तताँ
दिल जलेगा तो होगी रोशनी
तेरे दिल में बनाया मैंने आशियाँ
ओ शरद पूनम की
रंग भरी चाँदनी
मेरी सब कुछ
मेरी तक़दीर, मेरी ज़िन्दगी
तुम रूठी रहो...

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