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मन भरया - Mann Bharryaa (B Praak, Shershaah)

Lyrics in Hindi - लफ़्ज़ों का खेल मन भरया - Mann Bharryaa (B Praak, Shershaah) Movie/ Album: शेरशाह (2021) Music By: बी प्राक Lyrics By: जानी Performed By: बी प्राक वे मैथों तेरा मन भरया मन भरया बदल गया सारा वे तू मैनू छड जाणा गल्लाँ तेरियाँ तों लगदा ऐ यारा वे मैथों तेरा मन भरया... गल गल ते शक़ करदे ऐतबार ज़रा वी नई हुण तेरियाँ अखियाँच मेरे लयी प्यार ज़रा वी नई मेरा ते कोई है नी तेरे बिन तैनू मिल जाणा किसे दा सहारा वे तू मैनू छड जाणा गल्लाँ तेरियाँ तों लगदा ऐ यारा काश ऐसा हो सकदा रब दे पैरी पै जांदी तेरी जगह पे जानी मौत मैनू ले जांदी जो तू न मिला मानेंगे वो दहलीज़ नहीं होती रब नाम की यारा यहाँ कोई चीज़ नहीं होती हो रब ओनु खो लैनदे जेड़ा होवे ओनु जान तों पियारा वे तू मैनू छड जाणा तू सब जाणदा ऐ मैं छड्ड नी सकदी तैनू ताँही ताँ (तेरी याद ने) उंगलाँ ते रोज़ नचौने ऐ मैनू तू सब जाणदा ऐ... अगले जनम विच अल्लाह ऐसा खेल रचा के भेजे मैनू तू बणा के भेजे तैनू मैं बणा के भेजे हाय इक्को हुन्दी ऐ वे ज़िन्दगी तू मिलणा नि मैनू वे दोबारा वे तू मैनू छड जाणा...

हमारी साँसों में आज तक - Hamari Saanson Mein Aaj Tak (Noor Jehan, Mehdi Hassan, Meray Huzoor)

Lyrics in Hindi - लफ़्ज़ों का खेल हमारी साँसों में आज तक - Hamari Saanson Mein Aaj Tak (Noor Jehan, Mehdi Hassan, Meray Huzoor) Movie/Album: मेरे हुज़ूर (1977) Music By: एम अशरफ Lyrics By: तस्लीम फाज़ली Performed By: नूरजहाँ, मेहदी हसन हमारी साँसों में आज तक वो हिना की खुशबू महक रही है लबों पे नगमें मचल रहे हैं नज़र से मस्ती झलक रही है हमारी साँसों में आज तक... नूरजहाँ वो मेरे नज़दीक आते-आते हया से इक दिन सिमट गए थे मेरे खयालों में आज तक वो बदन की डाली लचक रही है हमारी साँसों में आज तक... सदा जो दिल से निकल रही है वो शेर-ओ-नग़मों में ढल रही है कि दिल के आँगन में जैसे कोई ग़ज़ल की झांझर छनक रही है हमारी साँसों में आज तक... तड़प मेरे बेकरार दिल की कभी तो उन पे असर करेगी कभी तो वो भी जलेंगे इसमें जो आग दिल में दहक रही है हमारी साँसों में आज तक... मेहदी हसन कभी जो थे प्यार की ज़मानत वो हाथ हैं गैर की अमानत जो कसमें खाते थे चाहतों की उन्हीं की नीयत बहक रही है हमारी साँसों में आज तक... किसी से कोई गिला नहीं है नसीब ही में वफ़ा नहीं है जहाँ कहीं था हिना को खिलना हिना वहीं पे महक रही है हमारी साँसों में आ...

किस तरह जान-ए-वफ़ा - Kis Tarah Jan-e-wafa (Mehdi Hassan)

Lyrics in Hindi - लफ़्ज़ों का खेल किस तरह जान-ए-वफ़ा - Kis Tarah Jan-e-wafa (Mehdi Hassan) Movie/Album: भरोसा (1977) Music By: ए हमीद Lyrics By: क़तील शिफाई Performed By: मेहदी हसन किस तरह जान-ए-वफ़ा शौक का इज़हार करूँ गर इजाज़त हो तो जी भर के तुझे प्यार करूँ किस तरह जान-ए-वफ़ा... तुमने शरमा के सिमटने की अदा पाई है मेरा दिल ऐसी अदाओं का तमन्नाई है क्यूँ न मैं फिर तेरे शरमाने पे इसरार करूँ किस तरह जान-ए-वफ़ा...   तेरी नज़रें झुकी पलकों में छुपी रहती हैं फिर भी मैं देख रहा हूँ कि ये क्या कहती हैं ये जो कहती हैं वो इकरार मैं सौ बार करूँ किस तरह जान-ए-वफ़ा... तुझको पहलू में लिए मस्त फ़ज़ाओं में चलूँ गुनगुनाती हुई लहराती घटाओं में चलूँ इन बहारों में बिठाकर तेरा दीदार करूँ किस तरह जान-ए-वफ़ा...

नैनों से बात करें - Nainon Se Baat Karein (Manna Dey)

Lyrics in Hindi - लफ़्ज़ों का खेल नैनों से बात करें - Nainon Se Baat Karein (Manna Dey) Music By: श्याम शर्मा Lyrics By: पंडित नरेंद्र शर्मा Performed By: मन्ना डे नैनों से बात करें नैन बिन बोले दिन से यूँ रात करें नैन बिन बोले नैनों से बात करें... अष्टमी का चांद गया, संग आधी रात गई मैंने आधी बात कही, मन में आधी बात रही और थोड़ी देर अभी नैन रहो खोले नैनों से बात करें... फूल अभी बन ना सकीं, बेला की कलियाँ गुनगुन गुन गूंज उठी, मधुबन की गलियाँ जाग उठे तरुवर के नैन बोले-बोले नैनों से बात करें...

पत्थर की तरह हो दिल - Patthar Ki Tarah Ho Dil (Hemant Kumar)

Lyrics in Hindi - लफ़्ज़ों का खेल पत्थर की तरह हो दिल - Patthar Ki Tarah Ho Dil (Hemant Kumar) Music By: रवि शंकर शर्मा Lyrics By: रवि शंकर शर्मा Performed By: हेमंत कुमार पत्थर की तरह हो दिल जिसका उसे दिल में बसाकर क्या करें पत्थर की तरह... जिसके दिल में उल्फत ही न हो अपनों की जिसे चाहत ही न हो जो कभी हमारा हो न सके उसे अपना बनाकर क्या करें उसे दिल में बसाकर क्या करें पत्थर की तरह... वो वफ़ा के बदले जफ़ा करे जो प्यार जताकर दगा करे फिर उसके लिए अपने दिल का सुख चैन लुटाकर क्या करें उसे दिल में बसाकर क्या करें पत्थर की तरह...

सावन की रिमझिम में - Sawan Ki Rimjhim Mein (Manna Dey)

Lyrics in Hindi - लफ़्ज़ों का खेल सावन की रिमझिम में - Sawan Ki Rimjhim Mein (Manna Dey) Year: 1974 Music By: प्रेम धवन Lyrics By: अनजान Performed By: मन्ना डे खुले गगन पे झुक गई, किसी की सुरमई पलक किसी की लट बिखर गई, घिरी घटा जहाँ तलक धुली हवा में घुल गई, किसी की साँस की महक किसी का प्‍यार आज बूंद-बूंद से गया छलक सावन की रिमझिम में थिरक-थिरक नाचे रे मयूर पंखी रे सपने कजरारी पलक झुकी रे, घिर गयी घटाएँ चूड़ियाँ बजाने लगीं रे, सावनी हवाएँ माथे की बिंदिया, जो घुंघटा से झाँके चमके बिजुरिया, कहीं झिलमिला के बूंदों के घुँघरू छनका के रे सावन की रिमझिम में... छलक गईं नील गगन से रसभरी फुहारें महक उठीं तेरे बदन सी भीगती बहारें रिमझिम फुहारों के रस में नहा के सिमटी है फिर मेरी बाँहों में आ के सपनों की दुलहन शरमा के सावन की रिमझिम में...

मेरी भी इक मुमताज़ थी - Meri Bhi Ik Mumtaz Thi (Manna Dey)

Lyrics in Hindi - लफ़्ज़ों का खेल मेरी भी इक मुमताज़ थी - Meri Bhi Ik Mumtaz Thi (Manna Dey) Year: 1969 Lyrics By: मधुकर राजस्थानी Performed By: मन्ना डे सुनसान जमना का किनारा, प्‍यार का अंतिम सहारा चांदनी का कफन ओढ़े, सो रहा किस्‍मत का मारा किससे पूछूँ मैं भला अब देखा कहीं मुमताज़ को मेरी भी इक मुमताज़ थी पत्‍थरों की ओट में महकी हुई तन्‍हाइयाँ कुछ नहीं कहतीं डालियों की झूमती और डोलती परछाइयाँ कुछ नहीं कहतीं खेलती साहिल पे लहरें ले रही अंगड़ाइयाँ कुछ नहीं कहतीं ये जान के चुपचाप हैं मेरे मुकद्दर की तरह हमने तो इनके सामने खोला है दिल के राज़ को किससे पूछूँ मैं भला... ये ज़मीं की गोद में कदमों का धुंधला सा निशाँ, खामोश है ये रूपहला आसमाँ, मद्धम सितारों का जहां, खामोश है ये खूबसूरत रात का खिलता हुआ गुलशन जवाँ, खामोश है रंगीनियाँ मदहोश हैं अपनी खुशी में डूबकर किस तरह इनको सुनाऊँ अब मेरी आवाज़ को किससे पूछूँ मैं भला...

कभी तुम्हें - Kabhii Tumhhe (Darshan Raval, Palak Muchhal, Shershaah)

Lyrics in Hindi - लफ़्ज़ों का खेल कभी तुम्हें - Kabhii Tumhhe (Darshan Raval, Palak Muchhal, Shershaah) Movie/ Album: शेरशाह (2021) Music By: जावेद-मोहसिन Lyrics By: रश्मी विराग Performed By: दर्शन रावल, पलक मुछाल दर्शन रावल तुम अगर मनाओगे तो मान जाऊँगा मैं तेरे बुलाने पे लौट आऊँगा हर सफर में साथ तेरा मैं यूँ ही निभाऊँगा कभी तुम्हें याद मेरी आए पलकों से जुल्फ हटा लेना साफ दिखूँगा मैं तुमको वहीं जो न दिखूँ तो बता देना कभी मुझे देर जो हो जाये वक्त को थोड़ा बचा लेना फिर से मिलूँगा मैं तुमको वहीं जो न मिलूँ तो सज़ा देना मेरी ज़मीं को तेरे कदम का ना जाने कब से था इंतज़ार इक ना इक दिन आना है तुमको दिल को मेरे है ये ऐतबार मैं खुदा से तेरे सिवा कुछ और ना मागूँगा कभी तुम्हें याद मेरी आए इतनी सी बात समझ जाना फिर से मिलूँगा मैं तुमको वहीं राह से मेरी गुज़र जाना पलक मुछाल मेरे तुम्हारे ख्वाब वो सारे देखे तो जो सच होंगे यहीं होंगे जुदा ना, तुमने कहा था आएगा पल ये सोचा नहीं ये भी कहा था तुमने मुझे मैं दूर न जाऊँगा दिल को मेरे समझ आया तेरा बिन बोले चले जाना कभी तुम्हें याद मेरी आए राह से मेरी गुज़र जाना तुम ...

जय हिंद की सेना - Jai Hind Ki Sena (Vikram Montrose, Shershaah)

Lyrics in Hindi - लफ़्ज़ों का खेल जय हिंद की सेना - Jai Hind Ki Sena (Vikram Montrose, Shershaah) Movie/Album: शेरशाह (2021) Music By: विक्रम मॉन्ट्रोज़ Lyrics By: मनोज मुंतशिर Performed By: विक्रम मॉन्ट्रोज़ स्वधर्मे निधनम श्रेयाः जय जय जय सूरज की तरह जलता जा तू आंधी की तरह बढ़ता जा तू चलता जा तू चलता जा ये धर्म है तेरा लड़ता जा कदम ये तेरे कभी रुके ना जय हिन्द की सेना.... बंकरों पे बम गिरा के बोल ज़िंदाबाद तू शेरशाह हरदम रहेगा सरहदों को याद तू फूँकता जा फूँकता जा ज़ालिमों की बस्तियाँ दुश्मनों को क्या पता है आग की औलाद तू घाव बदन पे सहता जा तू भारत भारत कहता जा तू पर्वत पर्वत चढ़ता जा तू वीर बहादुर लड़ता जा शपथ है तुझको इस माटी की लड़ना जब तक जान है बाकी दम रुक जाए कदम रुके ना जय हिन्द की सेना...

बाँसुरी - Bansuri (Asees, Dev, IP Singh, Madhubanti, Hum Do Hamare Do)

Lyrics in Hindi - लफ़्ज़ों का खेल बाँसुरी - Bansuri (Asees, Dev, IP Singh, Madhubanti, Hum Do Hamare Do) Movie/ Album: हम दो हमारे दो (2021) Music By: सचिन-जिगर Lyrics By: शैली Performed By: असीस कौर, देव नेगी, आई पी सिंह, मधुबंती बागची, सचिन-जिगर पीछे पीछे औंदा मेरी चाल वेंदा आई जुत्ती वे कसूरी मेरी ओह वि लेंदा आई तेरे मेरे विच चन्ना होणी नई कुड़माई हाय सियाप्पा होये सियाप्पा होणी नई कुड़माई लैम्बो लैके आवाँ गेहड़ी मारा तेरे पीछे पीछे मेकअप मिटा के आजा ओह मुटियारन निचे निचे चक्कर में तेरे मेरी हार्टबीट में वजदी बाँसुरी वजदी बाँसुरी बजाओ! आई ऐम फीलिंग वैरी वैरी शाय शाय शाय शाय तू नाच के दिखा दे जटणी नी एक तेरी आँख काश्नी ओये ओह गल्लाँ गोरियाँ विच पैंदे टोए ने अश अश करदे मेरे आशिक होये ने ओ सौ सौ वारी चाहे मर जाये आशिक मरजाणे मैं तां रवाँ कँवारी नवे जमाने में सुन ज़ालिमा वे तेरी बोली लव यू तीखी तीखी तेरे आगे लगदी ऐ रिहान्ना वि फिक्की फिक्की चक्कर में तेरे मेरी हार्टबीट में वजदी वजदी बाँसुरी बजाओ! आई ऐम फीलिंग वैरी वैरी...

यूॅं सजा चाॅंद के छलका - Yun Saja Chand Ke Chhalka (Asha Bhosle, Meraj-e-Ghazal)

Lyrics in Hindi - लफ़्ज़ों का खेल यूॅं सजा चाॅंद के छलका - Yun Saja Chand Ke Chhalka (Asha Bhosle, Meraj-e-Ghazal) Movie/Album: मिराज-ए-ग़ज़ल (1983) Music By: ग़ुलाम अली Lyrics By: फ़ैज़ अहमद 'फ़ैज़' Performed By: आशा भोसले यूॅं सजा चाॅंद के छलका तेरे अंदाज़ का रंग यूॅं फ़ज़ा महकी कि बदला मेरे हमराज़ का रंग यूॅं सजा चाॅंद... साया-ए-चश्म में हैराॅं रुख़-ए-रौशन का जमाल सुर्ख़ी-ए-लब में परेशाँ तिरी आवाज़ का रंग यूॅं फ़ज़ा महकी... बे-पिए हूँ कि अगर लुत्फ़ करो आख़िर-ए-शब शीशा-ए-मय में ढले सुबह के आग़ाज़ का रंग यूॅं फ़ज़ा महकी... चंग-ओ-नय रंग पे थे अपने लहू के दम से दिल ने लय बदली तो मद्धम हुआ हर साज़ का रंग यूॅं फ़ज़ा महकी...

बन नहीं पाया - Ban Nahi Paya (Hariharan, Horizon)

Lyrics in Hindi - लफ़्ज़ों का खेल बन नहीं पाया - Ban Nahi Paya (Hariharan, Horizon) Movie/Album: हॉराइज़न (1983) Music By: हरिहरन Lyrics By: मुमताज़ राशिद Performed By: हरिहरन बन नहीं पाया जो मेरा हमसफ़र कहना उसे मैं नहीं आऊँगा अब के लौट कर कहना उसे बन नहीं पाया... उम्र जैसे रास्ते का बोझ बन कर रह गई किस क़दर महंगा पड़ा है ये सफ़र कहना उसे बन नहीं पाया... जब वो बिछड़ा था तो ख़ाली हाथ कब रुख़सत किया दे गया है शेर कहने का हुनर कहना उसे बन नहीं पाया... पहले 'राशिद' साथ चलने पर उसे राज़ी करो फिर हवाओं में चराग़ों का सफ़र कहना उसे बन नहीं पाया...

हुस्न को चाॅंद जवानी को - Husn Ko Chand Jawani Ko (Hariharan, Sukoon)

Lyrics in Hindi - लफ़्ज़ों का खेल हुस्न को चाॅंद जवानी को - Husn Ko Chand Jawani Ko (Hariharan, Sukoon) Movie/Album: सुकून (1984) Music By: हरिहरन Lyrics By: क़तील शिफ़ाई Performed By: हरिहरन हुस्न को चाॅंद जवानी को कॅंवल कहते हैं उनकी सूरत नज़र आए तो ग़ज़ल कहते हैं हुस्न को चाॅंद उफ्फ वो मरमर से तराशा हुआ शफ़्फ़ाफ़ बदन देखने वाले उसे ताज महल कहते हैं उनकी सूरत... पड़ गई पाॅंव में तक़दीर की ज़ंजीर तो क्या हम तो उसको भी तेरी ज़ुल्फ़ का बल कहते हैं उनकी सूरत... मुझको मालूम नहीं इसके सिवा कुछ भी 'क़तील' जो सदी वस्ल में गुज़रे उसे पल कहते हैं उनकी सूरत...

सब कुछ सुनना - Sab Kuch Sunna (Hariharan, Jashn)

Lyrics in Hindi - लफ़्ज़ों का खेल सब कुछ सुनना - Sab Kuch Sunna (Hariharan, Jashn) Movie/Album: जश्न (1997) Music By: जॉली मुखर्जी Lyrics By: मुमताज़ राशिद Performed By: हरिहरन सब कुछ सुनना कुछ न कहना, कितना मुश्किल है तुमसे बिछड़ के ज़िंदा रहना, कितना मुश्किल है सब कुछ सुनना... जिन राहों पर साथ चले थे हर मौसम में साथी उन राहों पर तन्हा चलना कितना मुश्किल है तुमसे बिछड़ के... क़दमों की रफ़्तार से आगे वक़्त यहाॅं चलता है शहर में अब लोगों से मिलना कितना मुश्किल है तुमसे बिछड़ के... 'राशिद' कितनी राहें बदलो पाँव बहक जाते हैं मयख़ाने से बच के निकलना कितना मुश्किल है तुमसे बिछड़ के...

जाग के काटी सारी रैना - Jaag Ke Kaati Saari Raina (Jagjit Singh, Leela)

Lyrics in Hindi - लफ़्ज़ों का खेल जाग के काटी सारी रैना - Jaag Ke Kaati Saari Raina (Jagjit Singh, Leela) Movie/Album: लीला (2002) Music By: जगजीत सिंह Lyrics By: गुलज़ार Performed By: जगजीत सिंह जाग के काटी सारी रैना नैनों में कल ओस गिरी थी जाग के काटी... प्रेम की अग्नि बुझती नहीं है बहती नदिया रुकती नहीं है सागर तक बहते दो नैना जाग के काटी... रूह के बंधन खुलते नहीं हैं दाग हैं दिल के धुलते नहीं हैं करवट करवट बाकी रैना जाग के काटी...

ग़लत है मुस्कुराना - Galat Hai Muskurana (Hariharan, Waqt Par Bolna)

Lyrics in Hindi - लफ़्ज़ों का खेल ग़लत है मुस्कुराना - Galat Hai Muskurana (Hariharan, Waqt Par Bolna) Movie/Album: वक़्त पर बोलना (2007) Music By: हरिहरन Lyrics By: कासिम इमाम Performed By: हरिहरन ग़लत है मुस्कुराना चाहता है वो अपना ग़म छुपाना चाहता है ग़लत है मुस्कुराना... मेरी ऑंखों को दीवारों में चुन कर नया चेहरा बनाना चाहता है     वो अपना ग़म... दीये चौखट पे उम्मीदों के रख कर हवाओं को बुलाना चाहता है वो अपना ग़म... किसी से दुश्मनी रखते नहीं हम हमें सारा ज़माना चाहता है वो अपना ग़म... 'इमाम' उसकी ख़ामोशी कह रही है बिछड़ने का बहाना चाहता है वो अपना ग़म...

वो पिलाए तो ज़रा - Woh Pilaye Toh Zara (Hariharan, Gulfam)

Lyrics in Hindi - लफ़्ज़ों का खेल वो पिलाए तो ज़रा - Woh Pilaye Toh Zara (Hariharan, Gulfam) Movie/Album: गुलफ़ाम (1994) Music By: हरिहरन Lyrics By: अनवर फर्रुखाबादी Performed By: हरिहरन वो पिलाए तो ज़रा लहरा के पीना चाहिए दोस्ती के नाम पर छलका के पीना चाहिए वो पिलाए तो... जब घटा छाए तो ज़ुल्फ़ों की महकती छाॅंव में उनके होठों की क़सम खा-खा के पीना चाहिए दोस्ती के नाम... ये जवाॅं मौसम ये भीगी रात ये ठंडी हवा आज तो महबूब के घर जा के पीना चाहिए दोस्ती के नाम... मय भी है साक़ी भी है, साग़र भी है मीना भी है अब तो उनको भी मेरे पास आ के पीना चाहिए दोस्ती के नाम...

कभी ख़ुशी से - Kabhi Khushi Se (Hariharan, Gulfam)

Lyrics in Hindi - लफ़्ज़ों का खेल कभी ख़ुशी से - Kabhi Khushi Se (Hariharan, Gulfam) Movie/Album: गुलफ़ाम (1994) Music By: हरिहरन Lyrics By: मुनव्वर राणा Performed By: हरिहरन कभी ख़ुशी से ख़ुशी की तरफ नहीं देखा तुम्हारे बाद किसी की तरफ नहीं देखा कभी ख़ुशी से... ये जानता हूॅं तेरा इंतज़ार लाज़िम है तमाम उम्र घड़ी की तरफ नहीं देखा तुम्हारे बाद... वो जिसके वास्ते परदेस जा रहा हूॅं मैं बिछड़ते वक़्त उसी की तरफ नहीं देखा तुम्हारे बाद... न रोक ले हमें रोता हुआ कोई चेहरा चले तो मुड़ के गली की तरफ नहीं देखा तुम्हारे बाद... यहाॅं तो जो भी है आब-ए-रवाॅं का आशिक़ है किसी ने खुश्क नदी की तरफ नहीं देखा तुम्हारे बाद...

आप हमारे साथ नहीं - Aap Hamare Saath Nahi (Hariharan, Jashn)

Lyrics in Hindi - लफ़्ज़ों का खेल आप हमारे साथ नहीं - Aap Hamare Saath Nahi (Hariharan, Jashn) Movie/Album: जश्न (1997) Music By: जॉली मुखर्जी Lyrics By: ताहिर फ़राज़ Performed By: हरिहरन आप हमारे साथ नहीं चलिए कोई बात नहीं आप किसी के हो जाएँ आपके बस की बात नहीं आप हमारे साथ नहीं... दिल का शीशा टूट चुका वक़्त भी हमसे रूठ चुका अब हमको आवाज़ न दो अब ऐसे हालात नहीं आप किसी के... सारा ज़माना जानता है ख़ूब हमें पहचानता है हमको मिटाना मुश्किल है सदियाँ हैं लम्हात नहीं आप किसी के... दिल भी तुम्हारा है जानम जान भी दे सकते हैं हम सब है गँवारा हमको मगर तौहीन-ए-जज़्बात नहीं आप किसी के...

ख़ुद को पढ़ता हूॅं - Khud Ko Padhta Hoon (Hariharan, Jashn)

Lyrics in Hindi - लफ़्ज़ों का खेल ख़ुद को पढ़ता हूॅं - Khud Ko Padhta Hoon (Hariharan, Jashn) Movie/Album: जश्न (1997) Music By: जॉली मुखर्जी Lyrics By: ताहिर फ़राज़ Performed By: हरिहरन ख़ुद को पढ़ता हूॅं छोड़ देता हूॅं इक वरक रोज़ मोड़ देता हूॅं ख़ुद को पढ़ता हूॅं... इस क़दर ज़ख़्म है निग़ाहों में रोज़ इक आइना तोड़ देता हूॅं इक वरक... काॅंपते होंठ भीगती पलकें बात अधूरी ही छोड़ देता हूॅं इक वरक... रेत के घर बना-बना के 'फ़राज़' जाने क्यूॅं ख़ुद ही तोड़ देता हूॅं इक वरक...