Lyrics in Hindi - लफ़्ज़ों का खेल
बन नहीं पाया - Ban Nahi Paya (Hariharan, Horizon)
Movie/Album: हॉराइज़न (1983)
Music By: हरिहरन
Lyrics By: मुमताज़ राशिद
Performed By: हरिहरन
बन नहीं पाया जो मेरा हमसफ़र कहना उसे
मैं नहीं आऊँगा अब के लौट कर कहना उसे
बन नहीं पाया...
उम्र जैसे रास्ते का बोझ बन कर रह गई
किस क़दर महंगा पड़ा है ये सफ़र कहना उसे
बन नहीं पाया...
जब वो बिछड़ा था तो ख़ाली हाथ कब रुख़सत किया
दे गया है शेर कहने का हुनर कहना उसे
बन नहीं पाया...
पहले 'राशिद' साथ चलने पर उसे राज़ी करो
फिर हवाओं में चराग़ों का सफ़र कहना उसे
बन नहीं पाया...