Lyrics in Hindi - लफ़्ज़ों का खेल
शहर दर शहर - Shahar Dar Shahar (Hariharan, Hazir)
Movie/Album: हाज़िर (1992)
Music By: जॉली मुखर्जी
Lyrics By: मुमताज़ राशिद
Performed By: हरिहरन, उस्ताद ज़ाकिर हुसैन
शहर दर शहर लिए फिरता हूॅं तन्हाई को
कौन सा नाम दूॅं मैं तेरी शनासाई को
शहर दर शहर...
कोई महफ़िल हो तेरा नाम तो आ जाता है
जान कर साथ लगा रखा है रुसवाई को
जिस तरफ़ जाइए है खोखले लफ़्ज़ों का हुजूम
कौन समझे यहाॅं आवाज़ की गहराई को
शहर दर शहर...
ख़ूब वाक़िफ हूॅं मैं दुनिया के चलन से 'राशिद'
मैंने परबत नहीं समझा है कभी राई को
शहर दर शहर...