Lyrics in Hindi - लफ़्ज़ों का खेल
दर्द के फूल - Dard Ke Phool (Hariharan, Ghazals)
Movie/Album: ग़ज़ल (1989)
Music By: जॉली मुखर्जी, किशोर शर्मा
Lyrics By: डाॅ. सफ़ी हसन
Performed By: हरिहरन


दर्द के फूल निगाहों में खिलाने आओ
आओ अब और कोई ज़ख़्म लगाने आओ
दर्द के फूल...

जा के सहराओं में बरसे हो तो मैं क्या जानूॅं
मेरे होठों की कभी प्यास बुझाने आओ
आओ अब...

शहर-ए-जाॅं में कहीं साया है न शबनम है न गुल
कितने बे-कैफ़ से गुज़रे हैं ज़माने आओ
आओ अब...

मैंने माना तुम्हें ख़्वाहिश ही नहीं मिलने की
किसी हसरत किसी उलझन के बहाने आओ
आओ अब...