Lyrics in Hindi - लफ़्ज़ों का खेल
हमारी साँसों में आज तक - Hamari Saanson Mein Aaj Tak (Noor Jehan, Mehdi Hassan, Meray Huzoor)
Movie/Album: मेरे हुज़ूर (1977)
Music By: एम अशरफ
Lyrics By: तस्लीम फाज़ली
Performed By: नूरजहाँ, मेहदी हसन
हमारी साँसों में आज तक वो
हिना की खुशबू महक रही है
लबों पे नगमें मचल रहे हैं
नज़र से मस्ती झलक रही है
हमारी साँसों में आज तक...
नूरजहाँ
वो मेरे नज़दीक आते-आते
हया से इक दिन सिमट गए थे
मेरे खयालों में आज तक वो
बदन की डाली लचक रही है
हमारी साँसों में आज तक...
सदा जो दिल से निकल रही है
वो शेर-ओ-नग़मों में ढल रही है
कि दिल के आँगन में जैसे कोई
ग़ज़ल की झांझर छनक रही है
हमारी साँसों में आज तक...
तड़प मेरे बेकरार दिल की
कभी तो उन पे असर करेगी
कभी तो वो भी जलेंगे इसमें
जो आग दिल में दहक रही है
हमारी साँसों में आज तक...
मेहदी हसन
कभी जो थे प्यार की ज़मानत
वो हाथ हैं गैर की अमानत
जो कसमें खाते थे चाहतों की
उन्हीं की नीयत बहक रही है
हमारी साँसों में आज तक...
किसी से कोई गिला नहीं है
नसीब ही में वफ़ा नहीं है
जहाँ कहीं था हिना को खिलना
हिना वहीं पे महक रही है
हमारी साँसों में आज तक...
वो जिनकी खातिर ग़ज़ल कही थी
वो जिनकी खातिर लिखी थी नग़में
उन्हीं के आगे सवाल बन के
ग़ज़ल की झांझर छनक रही है
हमारी साँसों में आज तक...