Posts

मन भरया - Mann Bharryaa (B Praak, Shershaah)

Lyrics in Hindi - लफ़्ज़ों का खेल मन भरया - Mann Bharryaa (B Praak, Shershaah) Movie/ Album: शेरशाह (2021) Music By: बी प्राक Lyrics By: जानी Performed By: बी प्राक वे मैथों तेरा मन भरया मन भरया बदल गया सारा वे तू मैनू छड जाणा गल्लाँ तेरियाँ तों लगदा ऐ यारा वे मैथों तेरा मन भरया... गल गल ते शक़ करदे ऐतबार ज़रा वी नई हुण तेरियाँ अखियाँच मेरे लयी प्यार ज़रा वी नई मेरा ते कोई है नी तेरे बिन तैनू मिल जाणा किसे दा सहारा वे तू मैनू छड जाणा गल्लाँ तेरियाँ तों लगदा ऐ यारा काश ऐसा हो सकदा रब दे पैरी पै जांदी तेरी जगह पे जानी मौत मैनू ले जांदी जो तू न मिला मानेंगे वो दहलीज़ नहीं होती रब नाम की यारा यहाँ कोई चीज़ नहीं होती हो रब ओनु खो लैनदे जेड़ा होवे ओनु जान तों पियारा वे तू मैनू छड जाणा तू सब जाणदा ऐ मैं छड्ड नी सकदी तैनू ताँही ताँ (तेरी याद ने) उंगलाँ ते रोज़ नचौने ऐ मैनू तू सब जाणदा ऐ... अगले जनम विच अल्लाह ऐसा खेल रचा के भेजे मैनू तू बणा के भेजे तैनू मैं बणा के भेजे हाय इक्को हुन्दी ऐ वे ज़िन्दगी तू मिलणा नि मैनू वे दोबारा वे तू मैनू छड जाणा...

हमारी साँसों में आज तक - Hamari Saanson Mein Aaj Tak (Noor Jehan, Mehdi Hassan, Meray Huzoor)

Lyrics in Hindi - लफ़्ज़ों का खेल हमारी साँसों में आज तक - Hamari Saanson Mein Aaj Tak (Noor Jehan, Mehdi Hassan, Meray Huzoor) Movie/Album: मेरे हुज़ूर (1977) Music By: एम अशरफ Lyrics By: तस्लीम फाज़ली Performed By: नूरजहाँ, मेहदी हसन हमारी साँसों में आज तक वो हिना की खुशबू महक रही है लबों पे नगमें मचल रहे हैं नज़र से मस्ती झलक रही है हमारी साँसों में आज तक... नूरजहाँ वो मेरे नज़दीक आते-आते हया से इक दिन सिमट गए थे मेरे खयालों में आज तक वो बदन की डाली लचक रही है हमारी साँसों में आज तक... सदा जो दिल से निकल रही है वो शेर-ओ-नग़मों में ढल रही है कि दिल के आँगन में जैसे कोई ग़ज़ल की झांझर छनक रही है हमारी साँसों में आज तक... तड़प मेरे बेकरार दिल की कभी तो उन पे असर करेगी कभी तो वो भी जलेंगे इसमें जो आग दिल में दहक रही है हमारी साँसों में आज तक... मेहदी हसन कभी जो थे प्यार की ज़मानत वो हाथ हैं गैर की अमानत जो कसमें खाते थे चाहतों की उन्हीं की नीयत बहक रही है हमारी साँसों में आज तक... किसी से कोई गिला नहीं है नसीब ही में वफ़ा नहीं है जहाँ कहीं था हिना को खिलना हिना वहीं पे महक रही है हमारी साँसों में आ...

किस तरह जान-ए-वफ़ा - Kis Tarah Jan-e-wafa (Mehdi Hassan)

Lyrics in Hindi - लफ़्ज़ों का खेल किस तरह जान-ए-वफ़ा - Kis Tarah Jan-e-wafa (Mehdi Hassan) Movie/Album: भरोसा (1977) Music By: ए हमीद Lyrics By: क़तील शिफाई Performed By: मेहदी हसन किस तरह जान-ए-वफ़ा शौक का इज़हार करूँ गर इजाज़त हो तो जी भर के तुझे प्यार करूँ किस तरह जान-ए-वफ़ा... तुमने शरमा के सिमटने की अदा पाई है मेरा दिल ऐसी अदाओं का तमन्नाई है क्यूँ न मैं फिर तेरे शरमाने पे इसरार करूँ किस तरह जान-ए-वफ़ा...   तेरी नज़रें झुकी पलकों में छुपी रहती हैं फिर भी मैं देख रहा हूँ कि ये क्या कहती हैं ये जो कहती हैं वो इकरार मैं सौ बार करूँ किस तरह जान-ए-वफ़ा... तुझको पहलू में लिए मस्त फ़ज़ाओं में चलूँ गुनगुनाती हुई लहराती घटाओं में चलूँ इन बहारों में बिठाकर तेरा दीदार करूँ किस तरह जान-ए-वफ़ा...

नैनों से बात करें - Nainon Se Baat Karein (Manna Dey)

Lyrics in Hindi - लफ़्ज़ों का खेल नैनों से बात करें - Nainon Se Baat Karein (Manna Dey) Music By: श्याम शर्मा Lyrics By: पंडित नरेंद्र शर्मा Performed By: मन्ना डे नैनों से बात करें नैन बिन बोले दिन से यूँ रात करें नैन बिन बोले नैनों से बात करें... अष्टमी का चांद गया, संग आधी रात गई मैंने आधी बात कही, मन में आधी बात रही और थोड़ी देर अभी नैन रहो खोले नैनों से बात करें... फूल अभी बन ना सकीं, बेला की कलियाँ गुनगुन गुन गूंज उठी, मधुबन की गलियाँ जाग उठे तरुवर के नैन बोले-बोले नैनों से बात करें...

पत्थर की तरह हो दिल - Patthar Ki Tarah Ho Dil (Hemant Kumar)

Lyrics in Hindi - लफ़्ज़ों का खेल पत्थर की तरह हो दिल - Patthar Ki Tarah Ho Dil (Hemant Kumar) Music By: रवि शंकर शर्मा Lyrics By: रवि शंकर शर्मा Performed By: हेमंत कुमार पत्थर की तरह हो दिल जिसका उसे दिल में बसाकर क्या करें पत्थर की तरह... जिसके दिल में उल्फत ही न हो अपनों की जिसे चाहत ही न हो जो कभी हमारा हो न सके उसे अपना बनाकर क्या करें उसे दिल में बसाकर क्या करें पत्थर की तरह... वो वफ़ा के बदले जफ़ा करे जो प्यार जताकर दगा करे फिर उसके लिए अपने दिल का सुख चैन लुटाकर क्या करें उसे दिल में बसाकर क्या करें पत्थर की तरह...

सावन की रिमझिम में - Sawan Ki Rimjhim Mein (Manna Dey)

Lyrics in Hindi - लफ़्ज़ों का खेल सावन की रिमझिम में - Sawan Ki Rimjhim Mein (Manna Dey) Year: 1974 Music By: प्रेम धवन Lyrics By: अनजान Performed By: मन्ना डे खुले गगन पे झुक गई, किसी की सुरमई पलक किसी की लट बिखर गई, घिरी घटा जहाँ तलक धुली हवा में घुल गई, किसी की साँस की महक किसी का प्‍यार आज बूंद-बूंद से गया छलक सावन की रिमझिम में थिरक-थिरक नाचे रे मयूर पंखी रे सपने कजरारी पलक झुकी रे, घिर गयी घटाएँ चूड़ियाँ बजाने लगीं रे, सावनी हवाएँ माथे की बिंदिया, जो घुंघटा से झाँके चमके बिजुरिया, कहीं झिलमिला के बूंदों के घुँघरू छनका के रे सावन की रिमझिम में... छलक गईं नील गगन से रसभरी फुहारें महक उठीं तेरे बदन सी भीगती बहारें रिमझिम फुहारों के रस में नहा के सिमटी है फिर मेरी बाँहों में आ के सपनों की दुलहन शरमा के सावन की रिमझिम में...

मेरी भी इक मुमताज़ थी - Meri Bhi Ik Mumtaz Thi (Manna Dey)

Lyrics in Hindi - लफ़्ज़ों का खेल मेरी भी इक मुमताज़ थी - Meri Bhi Ik Mumtaz Thi (Manna Dey) Year: 1969 Lyrics By: मधुकर राजस्थानी Performed By: मन्ना डे सुनसान जमना का किनारा, प्‍यार का अंतिम सहारा चांदनी का कफन ओढ़े, सो रहा किस्‍मत का मारा किससे पूछूँ मैं भला अब देखा कहीं मुमताज़ को मेरी भी इक मुमताज़ थी पत्‍थरों की ओट में महकी हुई तन्‍हाइयाँ कुछ नहीं कहतीं डालियों की झूमती और डोलती परछाइयाँ कुछ नहीं कहतीं खेलती साहिल पे लहरें ले रही अंगड़ाइयाँ कुछ नहीं कहतीं ये जान के चुपचाप हैं मेरे मुकद्दर की तरह हमने तो इनके सामने खोला है दिल के राज़ को किससे पूछूँ मैं भला... ये ज़मीं की गोद में कदमों का धुंधला सा निशाँ, खामोश है ये रूपहला आसमाँ, मद्धम सितारों का जहां, खामोश है ये खूबसूरत रात का खिलता हुआ गुलशन जवाँ, खामोश है रंगीनियाँ मदहोश हैं अपनी खुशी में डूबकर किस तरह इनको सुनाऊँ अब मेरी आवाज़ को किससे पूछूँ मैं भला...