चराग़-ए-इश्क़ जलाने की रात आई है - Charag-e-Ishq Jalaane Ki Raat Aayi Hai Lyrics in Hindi

Blog
Lyrics in Hindi
चराग़-ए-इश्क़ जलाने की रात आई है - Charag-e-Ishq Jalaane Ki Raat Aayi Hai (Jagjit Singh, Saher)
Movie/Album: सहर (2000)
Music: जगजीत सिंह
Lyrics: फैज़ रतलामी
Performed: जगजीत सिंह

चराग़-ए-इश्क़ जलाने की रात आई है
किसी को अपना बनाने की रात आई है
चराग़-ए-इश्क़ जलाने की रात आई है

वो आज आए हैं महफ़िल में चाँदनी लेकर
कि रौशनी में नहाने की रात आई है
किसी को अपना...

फ़लक का चाँद भी शरमा के मुँह छुपाएगा
नक़ाब रुख़ से उठाने की रात आई है
किसी को अपना...

निग़ाह-ए-साक़ी से पैहम छलक रही है शराब
पीयों के पीने-पिलाने की रात आई है
किसी को अपना...

Popular posts from this blog