तेरी सूरत जो भरी - Teri Soorat Jo Bhari Lyrics in Hindi [Jagjit Singh, Koi Baat Chale]

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Lyrics in Hindi
तेरी सूरत जो भरी - Teri Soorat Jo Bhari (Jagjit Singh, Koi Baat Chale)
Movie/Album: कोई बात चले (2006)
Music: जगजीत सिंह
Lyrics: गुलज़ार
Performed: जगजीत सिंह

तेरी सूरत जो भरी रहती है आँखों में सदा
अजनबी लोग भी पहचाने से लगते हैं मुझे
तेरे रिश्तों में तो दुनिया ही पिरो ली मैंने

एक से घर हैं सभी, एक से हैं बाशिन्दे
अजनबी शहर में कुछ अजनबी लगता ही नहीं
एक से दर्द हैं, सब एक से ही रिश्ते हैं

उम्र के खेल में इक-तरफ़ा है ये रस्साकशी
इक सिरा मुझको दिया होता तो कुछ बात भी थी
मुझसे तगड़ा भी है और सामने आता भी नहीं

सामने आए मेरे, देखा मुझे, बात भी की
मुस्कुराए भी पुराने किसी रिश्ते के लिए
कल का अख़बार था, बस देख लिया रख भी दिया

वो मेरे साथ ही था दूर तक, मगर इक दिन
मुड़ के जो देखा तो वो और मेरे साथ न था
जेब फट जाए तो कुछ सिक्के भी खो जाते हैं

चौदहवें चांद को फिर आग लगी है देखो
फिर बहुत देर तलक आज उजाला होगा
राख हो जाएगा जब फिर से अमावस होगी

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