तुझको दरिया-दिली की क़सम - Tujhko Dariya-dili Ki Kasam Lyrics in Hindi

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तुझको दरिया-दिली की क़सम - Tujhko Dariya-dili Ki Kasam (Jagjit Singh, Chitra Singh)
Movie/Album: यॉर चॉइस (1989)
Music: जगजीत सिंह
Lyrics: सबा अफ़गानी
Performed: जगजीत सिंह, चित्रा सिंह

तुझको दरिया-दिली की क़सम साक़िया
मुस्तक़िल दौर पर दौर चलता रहे
रौनक-ए-मयक़दा यूँ ही बढ़ती रहे
एक गिरता रहे, इक संभलता रहे

सिर्फ शबनम ही शान-ए-गुलिस्ताँ नहीं
शोला-ओ-गुल का भी दौर चलता रहे
अश्क़ भी चश्म-ए-पुरनम से बहते रहे
और दिल से धुआँ भी निकलता रहे

तेरे कब्ज़े में हैं ये निज़ाम-ए-जहां
तू जो चाहे तो सहरा बने गुलसिताँ
हर नज़र पर तेरी फूल खिलते रहें
हर इशारे पे मौसम बदलता रहे
सिर्फ शबनम ही...

तेरे चेहरे पे ये ज़ुल्फ़ बिखरी हुई
नींद की गोद में सुबह निखरी हुई
और इस पर सितम ये अदाएँ तेरी
दिल है आख़िर कहाँ तक संभलता रहे
सिर्फ शबनम ही...

इसमें ख़ून-ए-तमन्ना की तासीर है
ये वफ़ा-ए-मोहब्बत की तस्वीर है
ऐसी तस्वीर बदले ये मुमकिन नहीं
रंग चाहे ज़माना बदलता रहे
सिर्फ शबनम ही...

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