राख - Raakh Lyrics in Hindi [Anand Bhaskar, Mirzapur]

Lyrics in Hindi
राख - Raakh [Anand Bhaskar, Mirzapur]
Movie/Album : मिर्ज़ापुर (2020)
Performed By : आनंद भास्कर

जला-जला सहरा है
साया हुआ गहरा है
है हर जगह रात ही रात ये
लौटी नहीं फिर सुबह है

ज़ख्म भरा कुरेदो ना
बुझी ये राख जला लो ना

तन्हा हैं सन्नाटे, डरते हैं ये खुद से
उलझे हैं ये जज़्बे, अपने ही जाल में

ज़ख्म भरा कुरेदो ना
बुझी ये राख जला लो ना
ज़ख्म भरा कुरेदो ना
यादों से आग जला लो ना

दर्द को कहीं थमा दे आज
युद्ध से तू भी मिला ले आँख
दर्द को कहीं हरा दे आज
मंज़िलों को भी दिखा दे राह

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